"अरबी में एक कहावत है: ऊँट बैठ भी जाए तो कुत्तों से ऊँचा ही रहता है।" 👉 इसका Tejovah दृष्टिकोण से अर्थ गहराई से देखें तो यह कहावत आत्मबल, आत्म-मर्यादा और आत्म-स्तर (soul frequency) को समझने में मदद करती है। 🕉️ Tejovah दृष्टिकोण: 1. स्वभाव और आत्म-सम्मान का स्तर (Tejovah Swabhav Chakra) ऊँट जैसे व्यक्तित्व का अर्थ है — उच्च आत्मा , जो चाहे किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो, उसका मूल स्तर नीचे नहीं गिरता । "बैठ जाना" जीवन में कठिन समय , पराजय या विराम का प्रतीक है। लेकिन उसका "ऊँचा रहना" यह दर्शाता है कि जो आत्मा तेजोयुक्त होती है, वह विनम्रता के साथ भी गरिमा नहीं खोती । 2. तुलना और आत्मबोध (Karma-Vision Insight) कुत्ते प्रतीक हैं बाहरी आलोचना, लोभ, तुच्छता और नकारात्मक प्रवृत्तियों के। कहावत यह सिखाती है कि यदि आप ऊँचे आत्मिक स्तर पर हैं, तो निचले स्तर की ऊर्जा आपको छू नहीं सकती — भले ही आप जीवन में थोड़ी देर "रुके" हुए क्यों न हों। 🔱 Tejovah संदेश: "तेजोयुक्त आत्मा अपने मौलिक तेज से ही ऊँचाई पर रहती है — ...