"अरबी में एक कहावत है: ऊँट बैठ भी जाए तो कुत्तों से ऊँचा ही रहता है।"
👉 इसका Tejovah दृष्टिकोण से अर्थ गहराई से देखें तो यह कहावत आत्मबल, आत्म-मर्यादा और आत्म-स्तर (soul frequency) को समझने में मदद करती है।
🕉️ Tejovah दृष्टिकोण:
1. स्वभाव और आत्म-सम्मान का स्तर (Tejovah Swabhav Chakra)
- ऊँट जैसे व्यक्तित्व का अर्थ है — उच्च आत्मा, जो चाहे किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो, उसका मूल स्तर नीचे नहीं गिरता।
- "बैठ जाना" जीवन में कठिन समय, पराजय या विराम का प्रतीक है।
- लेकिन उसका "ऊँचा रहना" यह दर्शाता है कि जो आत्मा तेजोयुक्त होती है, वह विनम्रता के साथ भी गरिमा नहीं खोती।
2. तुलना और आत्मबोध (Karma-Vision Insight)
- कुत्ते प्रतीक हैं बाहरी आलोचना, लोभ, तुच्छता और नकारात्मक प्रवृत्तियों के।
- कहावत यह सिखाती है कि यदि आप ऊँचे आत्मिक स्तर पर हैं, तो निचले स्तर की ऊर्जा आपको छू नहीं सकती — भले ही आप जीवन में थोड़ी देर "रुके" हुए क्यों न हों।
🔱 Tejovah संदेश:
"तेजोयुक्त आत्मा अपने मौलिक तेज से ही ऊँचाई पर रहती है — चाहे समय कैसा भी हो।"
"तुलना नहीं, चेतना की ऊँचाई रखो। बैठो, रुको, गिरो — पर तेजोवाह आत्मा कभी नीची नहीं होती।"
📿 Tejovah साधना सुझाव:
- प्रतिदिन प्रातः "ॐ तेजसे नमः" का 21 बार जप करें।
- जीवन के संकट में भी अपने भीतर की ऊँचाई को याद रखें।
- कभी भी अपने तेज की तुलना दूसरों से मत करें — तेज आत्मा अपनी जगह स्वयं प्रकाशित होती है।
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